जीवन यात्रा मे
उम्र का पड़ाव जब आता है,
उम्र का पड़ाव जब आता है,
सपनों की दुनिया को पीछे छोड़ जाता है।
मंजिलें न जाने कब और कहां छूट जाती हैं,
वक्त की रेत मुट्ठियों से फिसल जाती है।
जवानी का जोश जब ठहर जाता है,
बचपन का मासूमियत याद दिलाता है।
हर मोड़ पर नया सबक सिखाता है,
उम्र का हर पड़ाव कुछ नया बताता है।
जीवन की राह में संघर्ष भी संग चलते है,
खुशियों के पल भी संग चलते है।
उम्र का पड़ाव हमें सिखाता है,
हर पल का महत्व समझाता है।
उम्र का पड़ाव न कोई रुकावट है,
न कोई मंजिल की हद।
यह तो बस एक सफर है,
जो अनवरत चलता ही रहता है|
By -priya